लगातार डोल रही धरती, तबाही से पहले नेपाल में आए कम तीव्रता वाले चार छोटे भूकंप

  दिल्ली सहित दहला पूरा उत्तर भारत, नेपाल में 6.3 तीव्रता का भूकंप से 6 की मौत

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नेपाल के दोती जिले में बुधवार तड़के 6.3 तीव्रता के भूकंप की NEPAL चपेट में आए एक घर के ढह जाने से कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर इस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

धनबाद [आशीष सिंह]: दिल्‍ली और नेपाल में मंगलवार कीदेर रात NEPALभूंकप से भारी क्षति हुई। हालांकि धनबाद स्थित आइआइटी आइएसएम ने अपने ऑब्‍जर्वेशन में बताया है कि इस भूकंप से पहले भी नेपाल में चार छोटे भूकंप आए, लेकिन उनकी तीव्रता कम थी, इसलिए उनका पता नहीं चला।

10 किमी नीचे थी भूकंप की गहराई

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने नेपाल की सीमा से लगे उत्तराखंड के NEPAL पिथौरागढ़ से 90 किमी. दक्षिण पूर्व में भूकंप का केंद्र बताया है। भूकंप के झटके करीब 1 मिनट तक रुक-रुककर लगते रहे।

नेपाल में पिछले माह भी भूकंप आया था। आइएसएम के ऑब्जर्वेटरी सेंटर के अनुसार, NEPAL इसकी तीव्रता 5.1 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई थी। आइआइटी आइएसएम के सिस्मोलाॅजिकल ऑब्जर्वेटरी के अनुसार हर दिन भूकंप आता है। इसकी तीव्रता दो से तीन या कभी-कभी इससे भी NEPAL कम होती है, इसलिए असर नहीं पड़ता है। धनबाद में इस वर्ष दो बार बड़े भूकंप आए। 10 जनवरी को बलियापुर तो 30 अक्टूबर को धनबाद से 39 किमी दूर गिरिडीह में भूकंप का केंद्र था। बलियापुर केंद्र में रिक्टर NEPAL स्केल 3.6 मैग्नीट्यूड दर्ज किया गया था। गिरिडीह का भूकंप भी इसी के आसपास था। रिएक्टर स्केल पर पर 6.0 या अधिक तीव्रता वाले भूकंप को खतरनाक माना जाता है। इससे जानमाल के नुकसान की आशंका रहती है। NEPAL झारखंड ईस्टर्न इंडिया शील्ड में है और यह क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील जरूर माना गया है, लेकिन जानमाल के नुकसान की संभावना कम है।

भूकंप से दिल्ली-NCR समेत पूरा उत्तर भारत थर्राया

दिल्ली और इसके असापास के इलाकों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए। NEPAL राहत की बात यह है कि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। गोरखपुर में भी देर रात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने टेलीफोन पर बातचीत NEPAL में बताया कि भूकंप दो बार आया। रात 8:52 बजे 4.6 तीव्रता और रात 1:57 बजे 5.7 रिक्टर स्केल रही है।
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यह हैं भूकंपीय जोन

प्रो. मोहित अग्रवाल के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो ने पूरे भारत को पांच भूकंपीय जोन में बांटा है। NEPAL इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन-5 है। इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर नौ तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। NEPAL जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से, पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।

नेपाल में 2 बच्चों सहित 6 लोगों की मौत

नेपाल में रात करीब 2 बजे आए तेज भूकंप से एक घर के गिरने से छह लोगों की मौत हो गई है। NEPAL भूकंप की तीव्रता 6.3 रिएक्टर स्केल मापी गई। इससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया और लोग घरों से बाहर निकल आए। नेपाल भूकंप में हताहत हुए लोगों की पहचान अभी पता नहीं चल पाई है। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में कम से कम 1 महिला और दो बच्चे शामिल हैं। NEPAL की सेना को भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।

भूकंप आने के कारण

पृथ्वी के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। यह प्लेट्स लगातार घूमते रहते हैं। NEPAL जिस जगह पर प्लेट्स टकराते हैं, उसे फाॅल्ट लाइन कहते हैं। टकराव के कारण इसके कोने मुड़ने लगते हैं। अधिक दवाब के चलते ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। प्लेट्स टूटने के कारण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलती है। NEPAL इस वजह से उत्पन्‍न अतिरिक्त दबाव एवं एनर्जी की वजह से भूकंप आता है। छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप की आहट होते हैं। यह रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल के तहत मापा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल एक से नौ तक के आधार पर मापा जाता है।

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