Gujarat Election 2022:हार्दिक के सामने 10 साल बाद BJP को जिताने की चुनौती, पिछले चुनावों में ऐसे थे नतीजे
पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे युवा नेता हार्दिक पटेल को वीरमगाम सीट से भाजपा ने टिकट दिया है, जहां से चुनाव जीतना हार्दिक पटेल के लिए जरूरी है. जानें इस सीट का क्या है समीकरण
2017 में 20 उम्मीदवारों की जमानत हुई थी जब्त
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा ने तेजाश्रीबेन पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था। पटेल को कांग्रेस के लाखाभाई धारवाड़ से करीब छह हजार के मतों के अंतर से हार झेलनी पड़ी थी। इस चुनाव में यहां से 22 उम्मीदवार मैदान में थे। इन दोनों के अलावा बाकी 20 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जून 2022 में भाजपा में आए हार्दिक को पहली बार ही पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
वीरमगाम सीट से भाजपा ने बनाया उम्मीदवार
पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे युवा नेता हार्दिक पटेल को वीरमगाम सीट से भाजपा ने टिकट दिया है, जहां से चुनाव जीतना हार्दिक पटेल के लिए जरूरी है. इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यहां बारी -बारी से जनता कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा को मौका देती रही है. हालांकि 2012 विधानसभा चुनाव के बाद यहां कांग्रेस का कब्जा है. जानकारों के अनुसार हार्दिक पटेल को इस सीट पर जीतकर दिखाना होगा जिससे उनका भावी सियासी कद भी ऊंचा हो जाएगा.
छह महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं हार्दिक
मई 2022 तक हार्दिक पटेल कांग्रेस में थे। कांग्रेस छोड़ने से पहले वह पार्टी की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष थे। 2017 के चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वीरमगाम सीट पर पाटीदार समाज के वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से कुंवर जी ठाकोर यहां से मैदान में हैं। इस सीट पर पांच दिसंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा। नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।
जानें वीरमगाम सीट पर किस समुदाय के कितने मतदाता
*ठाकोर समुदाय के 55000(लगभग)
*पाटीदार समुदाय के 50000(लगभग)
*दलित समुदाय के 25000(लगभग)
*कोली पटेल समुदाय के 20000(लगभग)
*मुस्लिम समुदाय के 19000(लगभग)
*अन्य समुदाय के 10000(लगभग)
वीरमगाम सीट पर कुल-265000(लगभग)
वीरमगाम सीट से हार्दिक को टिकट क्यों
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में पटेल आंदोलन की वजह से अच्छी खासी सीटों का नुकसान भाजपा को हुआ था. यही नहीं पिछले चुनाव में हार्दिक पटेल कांग्रेस के साथ थे और चुनाव प्रचार कर रहे थे. भाजपा ने इस बार हार्दिक को पटेलों के गढ़ से टिकट दिया है. अब देखना होगा कि हार्दिक पटेल पर पटेल समुदाय कितना भरोसा करता है.
पाटीदार आंदोलन से आए थे चर्चा में
कभी बीजेपी पर लगातार बरसने वाले हार्दिक अब पार्टी को चुनाव जिताने में जुटे हुए हैं. उनका दवा है कि गुजरात में बीजेपी की सरकार आएगी. हार्दिक पाटीदार आंदोलन से चर्चा में आए थे. इस आंदोलन से ही इस युवा नेता ने अपने रानजीतिक सफर की शुरुआत की थी. वे गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के बाद ही हार्दिक को टिकट मिलने के कयास लगाए जा रहे थे. इसके पहले कई ऐसे नामों पर चर्चा हो रही थी जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं. पार्टी के लिए टिकट बंटवारा एक चुनौती से कम नहीं था.
बीजेपी ने की थी बड़ी बैठक
बता दें कि मंगलवार (8 नवंबर) को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के आवास पर गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) की कोर ग्रुप की बैठक हुई. अमित शाह के आवास पर बैठक के बाद सभी नेता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे. यहां अमित शाह, जेपी नड्डा ने विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों पर विचार करने के लिए गुजरात के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की.
बता दें कि गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव में अब सिर्फ 20 दिन ही बचे हैं. राज्य की सभी 182 सीटों के लिए 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होना है. 8 दिसंबर को मतगणना के साथ ही नतीजे आएंगे और नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा. ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. इसबार कांग्रेस बीजेपी के साथ ही आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है. सभी दलों के नेता लगातार राज्य में चुनावी जनसभाएं और रैलियां कर रहे हैं. जहां एक तरफ बीजेपी फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस और आप, बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं.
अहमदाबाद जिले की ज्यादातर सीटें भाजपा के पास
वीरमगाम सीट अहमदाबाद जिले में आती है। इस जिले में कुल 21 सीटें हैं। 2017 में जिले की 21 में से 15 सीटो पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं, छह सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करने में सफल रही थी।